शिवराज सिंह चौहान पहुंचे मंदसौर - किसानों के परिजनों से की मुलाकात

शिवराज सिंह चौहान पहुंचे मंदसौर - किसानों के परिजनों से की मुलाकात

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार (14 जून) को मंदसौर में पुलिस की गोली से मारे गए छह किसानों के परिजनों से मुलाकात की। छह जून को न्यूनतम समर्थन मूल्य और कर्ज माफी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस ने गोली चला दी थी। पांच किसानों की उसी दिन मौत हो गई। किसानों की मौत के बाद अगले दिन विरोध प्रदर्शन कर रहे एक किसान पुलिस की पिटाई में गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल किसान की कुछ दिन बाद अस्पताल में मौत हो गई। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री ने घटना के दिन किसानों के पुलिस की गोलीबारी से मारे जाने से इनकार किया लेकिन एक दिन बाद मंत्री ने स्वीकार किया किसान पुलिस की गोली से ही मारे गए थे। मध्य प्रदेश सरकार ने सभी छह मृतकों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये क्षतिपूर्ति राशि देने की घोषणा की है।


मंदसौर में किसानों के पुलिस फायरिंग में मारे जाने के बाद किसानों का विरोध प्रदर्शन मध्य प्रदेश के अन्य जिलों में फैल गया था। किसानों ने दो बसों समेत 10 वाहनों को आगे के हवाले कर दिया था। हालात बेकाबू होने के बाद प्रशासन ने राजनीतिक दलों के नेताओं का मंदसौर जाने पर रोक लगा दी थी। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव, सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर, जदयू नेता शरद यादव, हार्दिक पटेल इत्यादि को मंदसौर जाने से रोक दिया था। पुलिसन मंदसौर जाने की कोशिश करने वाले सभी नेताओं को हिरासत में ले लिया था। हालांकि बाद में राहुल गांधी इत्यादि नेताओं ने मारे गए किसानों के परिजनों से मुलाकात की।
मंदसौर में किसानों की मौत के बाद हालात बिगड़ने पर केंद्र सरकार ने द्रुत कार्यबल (आरएएफ) के 100 जवानों को स्थिति पर नियंत्रण के लिए भेजा था। सरकार ने मंदसौर, नीमच और रतलाम के जिलाधिकारियों का तबादला कर दिया गया। किसानों की मौत से गुस्साए प्रदर्शकारियों ने अगले दिन मंदसौर के जिलाधिकारी के साथ धक्कामुक्की कर ली थी। प्रदर्शनकारियों ने एक निजी टीवी चैनल के पत्रकार के संग भी हाथापाई की थी।
शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार (10 जून) को मध्य प्रदेश में शांति बहाली के लिए 72 घंटे का उपवास रखने की घोषणा की थी। हालांकि किसानों के अनुरोध पर उन्होंने रविवार (11 जून) को ही अपना उपवास तोड़ दिया। मध्य प्रदेश सरकार ने मारे गए किसानों को नकद क्षतिपूर्ति देने के साथ ही कर्ज माफी की भी घोषणा की है।