भोपाल के Girls हॉस्टल में 'डॉन बहनो का आतंक, सीनियर फाड़ती हैं जूनियर के कपड़े- वार्डन ने नहीं की कोई कारवाई

भोपाल के Girls हॉस्टल में 'डॉन बहनो का आतंक, सीनियर फाड़ती हैं जूनियर के कपड़े- वार्डन ने नहीं की कोई कारवाई

भोपाल(मध्य प्रदेश)भोपाल के प्रोफेसर्स कॉलोनी स्थित कमला नेहरू गर्ल्स हॉस्टल। कैपिसिटी 150 लड़कियों की है। 250 रहती हैं। दो साल से यहां दो लड़कियों ने सबकी नाक में दम कर रखा है। कई बार शिकायतों के बावजूद जब कुछ नहीं हुआ तो हॉस्टल की लड़कियों ने वुमन कमीशन में गुहार लगाई। सोमवार को कमीशन की प्रेसिडेंट लता वानखेड़े यहां पहुंचीं।
दहशत के बीच लड़कियों ने बताया कि दोनों सीनियर बाकी लड़कियों से बदसलूकी करती हैं। यही नहीं, हॉस्टल में देर रात लड़के भी आते हैं, जिन्हें भाई बताया जाता है। दबंगई ऐसी कr खुलेआम कट्टा लेकर घूमती है लड़कियां...
- हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों ने बताया कि यहां दो सीनियर लड़कियों का दबदबा है। वे अपने पास कट्टा भी रखती हैं।
- जूनियर को उनका खाना बनाना पड़ता है। साफ-सफाई करवाती हैं। मना करें तो मारपीट की जाती है।
- रात के वक्त लड़के आते हैं। पूछने पर बताया जाता है कि वे लड़कियों के भाई हैं। ज्यादातर लड़कियों का हॉस्टल में कोई रिकॉर्ड नहीं है।
आपबीती: सबके सामने मेरे कपड़े फाड़े गए, मैं चीखती रही कोई बचाने नहीं आया...
-गर्ल्स हॉस्टल में रह रही स्टूडेंट सृष्टि उइके ने वुमन कमीशन की प्रेसिडेंट लता वानखेड़े को आपबीती सुनाई।
- सृष्टि कहती हैं कि 2011 में पॉलिटेक्निक की पढ़ाई के लिए भोपाल आई थी। कलेक्टर निशांत वरवड़े की परमिशन से गर्ल्स हॉस्टल में रह रही हूं।
- हॉस्टल में रहने वाली दो सीनियर स्टूडेंट प्रीति और सीमा शाक्य भोपाल की ही रहने वाली हैं। पिछले 8 साल से हॉस्टल में रह रही हैं।
- जूनियर स्टूडेंट्स से खाना बनवाती हैं। झाडू लगवाती हैं। कपड़े भी जूनियर छात्राएं धोती हैं।
- दोनों की 100 से ज्यादा बार वार्डन, आदमजाति कल्याण विभाग, श्यामला हिल्स थाने में शिकायत हो चुकी हैं। कोई एक्शन नहीं लिया गया।
- तीन महीने पहले मुझसे खाना नहीं बनाने की बात पर मारपीट शुरू कर दी। लातों से मारा। सब देखते रहे। वार्डन से गुहार लगाई। लेकिन किसी ने मेरा साथ नहीं दिया।
- सबके सामने मेरे कपड़े फाड़े गए। मैं चीखती रही। आए दिन दोनों मर्डर कराने की धमकी देती हैं। वार्डन दोनों के साथ हैं।
- इसलिए यह बातें हाॅस्टल के बाहर नहीं जाती हैं। अब मेरी सुरक्षा की जिम्मेदारी आपके हाथ में है।