संसद ठप होने से नाराज हुए आडवाणी, बोले साेचता हूं इस्‍तीफा दे दूं,

संसद ठप होने से नाराज हुए आडवाणी, बोले  साेचता हूं इस्‍तीफा दे दूं,

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्‍ठ नेता लालकृष्‍ण आडवाणी ने संसद के बार-बार स्‍थगित होने पर फिर रोष जताया है। कुछ सांसदों से बातचीत में उन्‍होंने कहा कि ‘मुझे लगता है कि इस्‍तीफा दे दूं।’ टीएमसी सांसद इदरीस अली ने बताया कि आडवाणी ने कहा कि ‘अगर आज संसद में अटल जी होते तो वह भी परेशान होते।” अली ने बताया कि आडवाणी ने कहा, ”कोई जीते या हारे, इस सब हंगामे से संसद की हार हो रही है। स्‍पीकर से बात करके कल चर्चा होनी चाहिए।” इदरीस अली के अनुसार, आडवाणी ने कहा, ”जो भी चल रहा है, मैंने संसद में ऐसा नजारा पहले कभी नहीं देखा है। चर्चा होनी चाहिए। मेरा मन इस्‍तीफा देने का करता है।” इदरीस के अनुसार जब उन्‍होंने आडवाणी से उनकी सेहत के बारे में पूछा तो उन्‍होंने कहा कि ‘मेरी सेहत तो ठीक है मगर संसद की सेहत ठीक नहीं है।’ इस संबंध में केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा है कि ‘पूरा देश जानता है कि कौन संसद ठप कर रहा है। वरिष्‍ठ नेता होने के नाते संसद की स्थिति पर आडवाणी जी बेहद दुखी हैं।’
आडवाणी ने इससे पहले 9 दिसंबर को कहा था कि हमारे लोगों (सत्ता पक्ष) ने ही हंगामा करके संसद नहीं चलने दिया। उन्होंने सांसदों और लोकसभा चलाने की जिम्मेदार लोकसभा अध्यक्ष और संसदीय कार्यमंत्री आदि के कामकाज पर परसों टिप्पणी करके नोटबंदी का संकट झेल रही भाजपा की परेशानी को ज्यादा बढ़ा दिया था। उसके बाद दूसरे वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी और शांता कुमार ने भी उसी तरह की नाराजगी जताई और लिखित में लोकसभा अध्यक्ष को दिया।
7 दिसंबर को संसद नहीं चलने पर आडवाणी लोकसभा अध्यक्ष और संसदीय कार्यमंत्री पर भड़क गए थे। लंच से पहले 15 मिनट के लिए सदन को स्थगित करने से पहले आडवाणी ने कहा था, ‘ना ही स्पीकर और ना ही संसदीय कार्यमंत्री सदन चला रहे हैं। मैं स्पीकर के पास यह कहने जा रहा हूं कि वे सदन नहीं चला रही हैं। मैं इसे सार्वजनिक तौर पर कहने जा रहा हूं।’ इस दौरान कुमार चुपचाप उन्हें सुनते रहे। साथ ही अनंत ने मीडिया गैलरी की ओर इशारा करते यह भी कहा कि उनकी यह टिप्पणी मीडिया में रिपोर्ट कर दिया जाएगा।


जब सदन को स्थगित किया गया तो आडवाणी ने लोकसभा के एक अधिकारी से पूछा कि सदन कितने बजे तक के लिए स्थगित किया गया है। जब उन्हें बताया कि दो बजे तक तो उन्होंने कहा, ‘अनिश्चित काल तक क्यों नहीं कर देते?’