"नहीं आया कोई सुधार 2 सालो में", मोदी सरकार की सबसे बड़ी नाकामी युवाओं के लिए नई नौकरियां पैदा नहीं कर पाना

"नहीं आया कोई सुधार 2 सालो में", मोदी सरकार की सबसे बड़ी नाकामी युवाओं के लिए नई नौकरियां पैदा नहीं कर पाना

केन्‍द्र में नरेन्‍द्र मोदी सरकार के दो साल पूरा होने पर कराए गए एक सर्वे में लोगों ने नई नौकरियां ना पैदा कर पाने को मोदी सरकार की सबसे बड़ी नाकामी बताया है।

सर्वे में लोगों ने नौकरियों के पर्याप्त अवसर पैदा न कर पाने को सरकार की सबसे बड़ी असफलता माना। 43 प्रतिशत लोगों ने इसे सरकार की असफलता करार दिया। इसके अलावा विपक्ष से झगड़े के मूड में रहने को भी लोगों ने सरकार की असफलता से जोड़ा है। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की ओर से मेट्रोपोलिटन शहरों में कराए गए सर्वे में यह राय सामने आई है। लोगों ने इस बार भी स्वच्छ भारत योजना को सबसे ज्यादा सराहा है। 42 प्रतिशत लोगों ने स्वच्छ भारत योजना को बेहतर करार दिया है। वहीं नरेन्‍द्र मोदी की महत्वाकांक्षी स्कीम मेक इन इंडिया 13 प्रतिशत के साथ दूसरे नंबर पर रही।

सर्वे में शामिल दो तिहाई लोगों ने सरकार की विदेश नीति का समर्थन किया। वहीं 75 प्रतिशत ने पाकिस्तान को लेकर मोदी सरकार की नीति को साहसी और यथार्थवादी करार दिया। करीब 20 फीसदी लोगों का कहना था कि सरकार अपनी विचारधारा से भटक गई है। करीब 50 प्रतिशत लोगों ने महंगाई में कमी आने का कुछ या पूरा श्रेय मोदी सरकार के कामकाज को दिया। 24 प्रतिशत ने कहा कि सरकार के प्रयासों की वजह से कीमतों में कमी आई है जबकि 22 प्रतिशत लोगों के मुताबिक यह अंतरराष्ट्रीय कारकों और सरकार के प्रयासों का नतीजा है। 20 प्रतिशत लोगों का कहना है कि महंगाई में कोई कमी नहीं दिखाई देती है।