स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों में डेंगू से बचाव तैयारियों की समीक्षा की

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव श्री बी.पी. शर्मा ने आने वाले महीनों में डेंगू से बचाव के लिए राज्यों द्वारा की गई तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने 33 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के प्रधान स्वास्थ्य सचिव/निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं/राज्य अभियान निदेशक/राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ विडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिये बैठक की। दो दिवसीय वीडियो कॉन्फ्रेंस का आयोजन 2 और 3 मार्च, 2016 को किया गया। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव ने उत्तर और मध्य भारत के राज्यों में आगामी दिनों के लिए की गई तैयारियों व दक्षिण भारत के राज्यों तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक आदि में चल रही तैयारियों की समीक्षा की। राज्यों के साथ स्वास्थ्य सचिव की यह उच्च स्तरीय समीक्षा वैश्विक तापमान में बढोतरी व अल नीनो के प्रभावों के चलते पैदा होने वाली बीमारियों के संदर्भ में की गई। 

2 मार्च, 2016 को कुल 19 राज्यों असम, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, गोवा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मेघालय, महाराष्ट्र, पंजाब, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, अंडमान व निकोबार द्वीप, दिल्ली, दादर व नगर हवेली, दमन व दीव और पुडुचेरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया। जबकि 3 मार्च, 2016 को 14 राज्यों, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, जम्मू व कश्मीर, चंडीगढ़, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, गुजरात, मध्य प्रदेश और छत्तीगढ़ ने हिस्सा लिया। 

राज्यों के साथ विचारविमर्श में यह बात साफतौर पर कही गई कि डेंगू के लिए कोई भी टीका या विशेष दवा नहीं है, इसके वाहकों पर नियंत्रण के लिए प्राथमिक कार्यवाही का एजेंडा तैयार किया जाना चाहिए। यही वाहक मच्छर जीका के लिए भी जिम्मेदार है, और समय रहते इसे फैलने से रोका जाए तो जीका के प्रसार से भी निजात मिलेगी। 

कॉन्फ्रेंस में डेंगू के वाहकों पर नियंत्रण के लिए निम्न पहलुओं पर जोर दिया गया –

• डेंगू के वाहकों पर नियंत्रण को तेज करना 

• डेंगू के प्रसार को रोकने व इस पर नियंत्र पाने के लिए प्रभावशाली सामुदायिक भागीदारी 

• अंतर-क्षेत्रीय समन्वय 

• राज्य, क्षेत्र व जिला स्तर पर इंटोमोलॉजिस्ट के खाली पदों को भरना 

• सभी राज्यों में डेंगू को अधिसूचित बीमारियों में शामिल करना, जैसा की कुछ राज्य पहले ही कर चुके हैं 

• अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों/स्पोर्ट्स एडीज-फ्री पर सक्रिय निगरानी रखना ताकि जीका वायरस के प्रवेश को रोका जा सके। 

इसके अलावा, राज्यों में डेंगू के वाहकों को रोकने के लिए किये जा रहे अच्छे प्रयासों को भी साझा किया गया। कॉन्फ्रेंस में यह भी सूचित किया गया कि भारत सरकार जल्द ही एक मोबाइल एप जारी करेगी जिसके जरिये लोगों को मच्छरों के प्रसार पर नियंत्रण पाने और डेंगू को फैलने से रोकने के बारे में जागरुक किया जा सकेगा।